क्यू रात को इतना हक देते हो यार ,
जो तेरे चेहरे की उदासी का सबब बने ,
कर यू खूद को आजाद
हर उड़ान नयी उड़ान का सबब बने ,
रातों को कर के कुरबां दिन के उगते
सूरज का सबब बने ,
जो तेरे चेहरे की उदासी का सबब बने ,
कर यू खूद को आजाद
हर उड़ान नयी उड़ान का सबब बने ,
रातों को कर के कुरबां दिन के उगते
सूरज का सबब बने ,